गोपालगंज, कार्यालय संवाददाता : बारह साल पूर्व जब जिला उपभोक्ता फोरम न्यायालय का उद्घाटन हुआ था तब आम लोगों को यह उम्मीद जगी थी कि अब इंसाफ मिलेगा। लेकिन आज भी उपभोक्ता फोरम न्यायालय से इंसाफ मिलना आसान नहीं है। इसका सबसे प्रमुख कारण न्यायालय की व्यवस्था ही आजतक चुस्त दुरुस्त नहीं हो सकी है। आज के समय में ही यह न्यायालय केवल एक कर्मी तथा दो न्यायिक पदाधिकारियों के सहारे ही चल रहा है।पुराने जेल के सामने से कचहरी में प्रवेश करते ही सड़क के पश्चिम दिशा में स्थित है जिला उपभोक्ता फोरम न्यायालय। स्थापना काल में ही बने बिल्डिंग की रंगाई-पुताई भी वर्षो से नहीं हुई है। बाहरी दीवार अब काले पड़ते जा रहे हैं। 15 मार्च 1999 को सारण के प्रमंडलीय आयुक्त अरविन्द कुमार पांडेय ने तत्कालीन जिलाधिकारी जेबी तुबिद की उपस्थिति में इस भवन का उद्घाटन किया था। इस फोरम का प्रथम अध्यक्ष होने का गौरव राजाराम सिंह को मिला। तब से लेकर वर्तमान समय तक इस फोरम में कर्मियों व न्यायिक पदाधिकारियों का पद लगातार खाली रहा है। कभी फोरम के अध्यक्ष का पद खाली तो कभी सदस्य का। वर्तमान समय में भी सदस्य का एक पद रिक्त है। फोरम की शुरुआत से ही यहां एक कर्मी ही तैनात रहा। शेष पदों को भरने की कोई भी कोशिश नहीं की गयी। ऐसी बात नहीं की इस फोरम के माध्यम से लोगों को न्याय नहीं मिला। फोरम के माध्यम से अबतक सैकड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं। बैंक, बिजली विभाग, जीवन बीमा निगम, मोबाइल कंपनियां, कई दुकानदार, एजेंसी मालिक, चिकित्सक तथा कोल्ड स्टोरेज मालिकों पर दंड लग चुका है। बावजूद इसके यहां मुकदमों के फैसले में देरी भी अधिक होती है। फोरम में तीन से चार साल पुराने वादों की भी कोई कमी नहीं है। बावजूद इसके लोगों को इस फोरम से काफी उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों पर फोरम के खरा उतरने में शायद कुछ समय लगे। इसके लिए सरकार को फोरम को और सशक्त बनाने के लिए कर्मियों की कमी की समस्या को समाप्त करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम की समस्याओं के संबंध में पूछे जाने पर अधिवक्ता राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि कर्मियों की कमी एक बड़ी समस्या है। अगर कर्मियों की समस्या समाप्त हो जाय तो इसे और सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
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Tuesday, March 15, 2011 |



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