बरौली (गोपालगंज), निज संवाददाता : बरौली के विभिन्न चंवरों में पानी नहीं रहने से मेहमान पक्षियों का आगमन बंद हो गया है। क्षेत्र के जलपुरवा, गोभिया, सिंगही, माधोपुर आदि के चंवर में इस साल विघोष, लालसर, सेकड़ा, चकवा जैसे परवासी पक्षियों का ठहराव नहीं हुआ है।
फलत: जहां सुनहरे पर्यावरण के चहेतों में मायूसी छायी है वहीं चिड़िया के शौकिनों की थाली खाली रह गयी है। साथ ही क्षेत्र के बहेलियों की नजरें भी चिड़िया के बाट जोहते-जोहते थक गयी है। इसके लिए क्षेत्रवासियों के चंवर में रहवट भी कम कसूरवार नहीं है। चंवरों में प्रवासी पक्षियों के नहीं आने का एक कारण क्षेत्र में मिट्टी कटाई भी मानी जा रही है। जानकारों का मानना है कि चंवर परिक्षेत्र में मकान, सड़क आदि के निर्माण में व्यापक मिट्टी कटाई से पक्षियों का ठहराव रुक गया है। कुल मिलाकर कहें तो यहां के पर्यावरण प्रेमी पक्षियों को देखने हेतु इस साल तरस कर रह गये है।
फलत: जहां सुनहरे पर्यावरण के चहेतों में मायूसी छायी है वहीं चिड़िया के शौकिनों की थाली खाली रह गयी है। साथ ही क्षेत्र के बहेलियों की नजरें भी चिड़िया के बाट जोहते-जोहते थक गयी है। इसके लिए क्षेत्रवासियों के चंवर में रहवट भी कम कसूरवार नहीं है। चंवरों में प्रवासी पक्षियों के नहीं आने का एक कारण क्षेत्र में मिट्टी कटाई भी मानी जा रही है। जानकारों का मानना है कि चंवर परिक्षेत्र में मकान, सड़क आदि के निर्माण में व्यापक मिट्टी कटाई से पक्षियों का ठहराव रुक गया है। कुल मिलाकर कहें तो यहां के पर्यावरण प्रेमी पक्षियों को देखने हेतु इस साल तरस कर रह गये है।
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Monday, February 21, 2011 |



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